20-20 लाख रुपये का जुर्माना
देवघर। जिला व्यवहार न्यायालय ने 8 कुख्यात साइबर अपराधियों को दोषी ठहराया है। अदालत ने आज सुनावाई के बाद2 साइबर अपराधियों को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों पर 20-20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 3 साइबर अपराधी को 10 साल का सश्रम कारावास और 5 लाख का जुर्माना, 2 साइबर अपराधी को 7 साल का सश्रम कारावास और 1- 1 लाख का जुर्माना लगाया है.
1 अभियुक्त किशोर पाया गया है जिसका मामला किशोर न्यायालय में लंबित है। बताया जा रहा है कि 2020 के दौरान 8 कुख्यात साइबर अपराधों पर देवघर साइबर थाना में मामला दर्ज किया गया था.
दिनांक 15 मई 2020 को साइबर थाना कांड संख्या 26 में एक किशोर सहित 8 अपराधियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468,471, 120 बी, 34 ipc तथा 66 b,66 c,66 d,84 c it एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था. लगभग 3 साल के सुनवाई के बाद आज देवघर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दो के न्यायालय द्वारा सभी को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई है।
इस कांड में आरोपी द्वारा भोली भाली जनता एवं लोगों को विभिन्न माध्यमों से झांसे में लेकर ठगी किया करते थे.
न्यायालय ने दुमका जिला के सरैया थाना के रहने वाले 20 वर्षीय कृष्णा कुमार यादव को आजीवन सश्रम कारावास एवं 20 लाख रुपये आर्थिक जुर्माना लगाया है. इसके आलावा देवघर के मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा के रहने 21 वर्षीय विराट कुमार को भी यही सजा मिली है. जबकि जिला के करौं थाना क्षेत्र के रहने वाले राजू मंडल एवं मुकेश मंडल को 10 वर्ष सश्रम कारावास 5 लाख रुपया का जुर्माना लगाया है.
इसके अलावा बिहार के बांका जिला के बौंसी का रहने वाला 22 वर्ष का दिनेश कुमार पर भी यही जुर्माना लगाया गया है।कोर्ट ने जामताड़ा जिला के केवाल बारी का रहने वाला 33 वर्षीय केतलाल मंडल एवं देवघर जिला के करौं थाना क्षेत्र के अजित मंडल को 7-7 साल का आश्रम कारावास एवं 10-10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
इसके अलावा एक अभियुक्त किशोर पाया गया है जिसका मामला किशोर न्यायालय में लंबित है। सभी साइबर अपराधी को आज सजा दी गई। भोले भाले जनता को विभिन्न माध्यम से ठगी करने के आरोप में सजा दी गई है. अब साइबर थाना पुलिस उम्मीद जता रही है कि जिस प्रकार से साइबर अपराधों को आज सजा मिली है उसे साइबर अपराधों के बीच भय का माहौल कायम होगा। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में क्या सही में इससे साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर कमी होगी या फिर मनोबल पहले जैसा कायम रहेगा।